Biography of winston churchill in hindi

Sir Winston Churchill / विन्सटन चर्चिल द्वितीय विश्वयुद्ध, के समय इंगलैंड के प्रधानमंत्री रहे थे। वे एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्हे नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने नेतृत्व कौशल के दम पे ब्रिटेन को द्वितीय विश्वयुद्ध में हार के मुंह से निकाल कर जीत का स्वाद चखाया। उन्हें हिटलर जैसे शक्तिशाली तानाशाह से लड़ने और उन्हें हराने वाले नेता की तरह देखा जाता है। चर्चिल एक प्रसिद्ध कूटनीतिज्ञ, प्रखर वक्ता, साथ ही वह इतिहासकार, लेखक और कलाकार भी थे। इतिहास के अनुसार विंस्टन चर्चिल 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध या यूँ कहे तो महानतम राजनेताओं में से एक थे। आइये जाने विंस्टन चर्चिल के जीवन परिचय।

विन्सटन चर्चिल की जीवनी &#; Winston Churchill Memoir in Hindi

पूरा नामविन्सटन चर्चिल (Winston Churchill)
जन्म दिनांक30 नवंबर आक्सफोर्ड शायर, ब्लेनहिम पैलेस, इंग्लैंड
प्रसिद्धि के कारणआदर्शवादी, व्यावहारिकवादी, एक वक्ता, सैनिक, इतिहासकार, लेखक, प्रगतिशील सामाजिक सुधारों के समर्थक और एक लोकतंत्र के रक्षक थे
पुरस्कार-उपाधिनोबेल पुरस्कार ()
राष्ट्रीयताब्रिटिश
मृत्यु24 जनवरी, , लन्दन
प्रधानमंत्री कार्यकाल और

बीसवीं सदी ने दो विश्वयुद्धों की भयावह विभीषिकाओं को झेला है। इन दोनों ही युद्धों के दौरान संपूर्ण विश्व के सामने या तो राख के ढेर में तब्दील हो जाने या फिर तानाशाहों का साम्राज्य कायम हो जाने की क्रूर वास्तविकता बहुत करीब आकर खड़ी हो गई थी। खासतौर पर दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जब हिटलर और मुसोलिनी के तानाशाह इरादों की स्याह चादर दुनिया को अपनी गिरफ्त में लेने का प्रयत्न कर रही थी, तब जिन राजनयिकों ने पूरी दृढ़ता के साथ इनका मुकाबला किया, सर विंस्टन चर्चिल उनमें से एक नाम है।

विन्सटन चर्चिल सेना में अधिकारी रहे थे। आर्मी कैरियर के दौरान चर्चिल भारत, सूडान और द्वितीय विश्वयुद्ध में अपना जौहर दिखाया था। उन्होंने युद्ध संवाददाता के रूप में ख्याति पाई थी। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने ब्रिटिश सेना में अहम जिम्मेदारी संभाली थी। राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने कई पदों पर कार्य किया। विश्वयुद्ध से पहले वे गृहमंत्रालय में व्यापार बोर्ड के अध्यक्ष रहे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान वे लॉर्ड ऑफ एडमिरिल्टी बने रहे। युद्ध के बाद उन्हें शस्त्र भंडार का मंत्री बनाया गया। 10 मई को उन्हें युनाइटेड किंगडम का प्रधानमंत्री बनाया गया और उन्होंने धूरी राष्ट्रों के खिलाफ लड़ाई जीती।

प्रारंभिक जीवन &#; Early Come alive of Winston Churchill

चर्चिल का जन्म 30 नवंबर को आक्सफोर्ड शायर के ब्लेनहिम पैलेस में हुआ था। इनके पिता लार्ड रेनडल्फ चर्चिल थे और माता का नाम जेनी था। उनके पिता, मार्लबोरो के प्रथम ड्यूक के वंशज थे और अपने समय के टोरी राजनीति में एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे। उनकी मां, जेनी जेरोम, एक अमीर घराने से थीं, जिनके पिता एक स्टॉक सट्टेबाज और द न्यूयॉर्क टाइम्स के आंशिक-मालिक थे। चर्चिल की शिक्षा हैरी और सैंहर्स्ट में हुई। शुरुवाती दिनों में पढाई में इनका खराब प्रदर्शन रहा था।

मूलत: सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्मे विंस्टन चर्चिल ने भी अपने करियर की शुरुआत एक सैनिक और युद्ध संवाददाता के रूप में की। संवाददाता इसलिए कि उन्हें शुरू से ही लिखने का बेहद शौक था। से तक क्यूबा, भारत और सूडान में ब्रिटेन की फौज में तैनाती के दौरान उन्होंने युद्ध रिपोर्टिंग की।

3 सितंबर, को ब्रिटेन ने जब युद्ध की घोषणा की तो चर्चिल को जलसेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया। मई, में नार्वे की हार ने ब्रिटिश जनता में प्रधानमंत्री चैंबरलेन के प्रति विश्वास को डिगा दिया। 10 मई को चैंबरलेन ने त्यगपत्र दे दिया और चर्चिल ने प्रधान मंत्री पद संभाला और एक सम्मिलित राष्ट्रीय सरकार का निर्माण किया। लोकसभा में तीन दिन बाद भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि &#;मैं रक्त, श्रम, आँसू और पसीने के अतिरिक्त और प्रदान नहीं कर सकता। उनका युद्ध विजय में अटूट विश्वास था, जो संकट के समय प्रेरणा देता रहा। ब्रिटिश साम्राज्य की संयुक्त शक्ति ही नहीं वरन् अमरीका और रूस की शक्तियों का जर्मनों के विरुद्ध सक्रिय रूप से प्रेरित किया। उनके अथक परिश्रम, विश्वास, दृढ़ता और लगन के कारण मित्र राष्ट्रों की विजय हुई।

विन्सटन चर्चिल 6 वी कक्षा फ़ैल थे। लेकिन उन्होंने कठिन परिश्रम करना कभी नहीं छोड़ा। वो प्रयत्न करते रहे और दुसरे विश्व युद्ध के दौरान यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बने। चर्चिल साधारणतः ब्रिटेन और दुनिया के इतिहास में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण नेता थे। BBC के के चुनाव में जिसमे महानतम ब्रिटिश लोगो का चुनाव होना था उसमे सभी ने चर्चिल को सबसे ज्यादा महत्त्व दिया गया।

हालांकि शुरुआती दौर में चर्चिल का राजनीतिक जीवन काफी उतार-चढ़ावों भरा रहा है, लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जिस कुशलता और दृढ़ता से उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में लोकतां त्रिक शक्तियों का नेतृत्व किया, उसने उन्हें कालजयी बना दिया।

विन्सटन चर्चिल पूरी दुनिया में नायक के तौर पे मशहूर है, लेकिन भारत में उनका एक काला अध्याय भी जुड़ा हैं। भारत की जनता और देश के अधिकतर इतिहासकार चर्चिल को में बंगाल में भूख से हुई लाखों मौतों का ज़िम्मेदार मानते हैं। इस अकाल में अन्न न मिलने की वजह से 30 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और ज़्यादातर इतिहासकार मानते हैं कि ऐसा चर्चिल की नीतियों की वजह से हुआ था, वरना बहुत सारी मौतों को टाला जा सकता था।

15 जनवरी, को चर्चिल को एक गंभीर हार्ट अटैक का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वे गंभीर रूप से बीमार हो गए। नौ दिन बाद, 24 जनवरी, को, अपने लन्दन के घर में उनकी मृत्यु हुई। उस समय पूरा ब्रिटेन एक हफ़्ते से ज्यादा शोक करता रहा।

FAQ

विंस्टन चर्चिल ने गांधी जी के बारे में क्या कहा था?

एक रिपोर्ट के मुताबिक विंस्टन चर्चिल ने गांधीजी को कभी &#;अर्धनग्न फकीर&#; कहा था।

में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे?

विन्सटन चर्चिल


और अधिक लेख &#;

Please Note : – Winston Churchill Biography & Struggle History In Hindi मे दी गयी Information अच्छी लगी हो तो कृपया हमारा फ़ेसबुक (Facebook)पेज लाइक करे या कोई टिप्पणी (Comments) हो तो नीचे  Comment Box मे करे।